पपीते की हाइब्रिड किस्म को कैसे उगाएं ?
पपीते का एक पौध अपने जीवन काल मैं डेढ़ से दो क्वीन्टल फल देता है। और इसकी लाइफ चार से पांच साल तक होती है। फल सात सो ग्राम से दो किलो तक हो जाता है। पहली तुड़वाई खेत मैं पौध लगने के बाद सात महीने मैं स्टार्ट हो जाती है। आप इसको घर मैं भी लगा सकते हैं।
बिजाई :- आप बीज को नीचे से सुराख़ वाली टरे मैं बीज सकते हैं। जिसमे मिटटी रेत और कम्पोस्ट (1:1:1 मात्रा ) में हो। ये पौध होने में आठ से बारह दिन का समय लेता है। उसके बाद इसको टरे से हटा कर लिफाफों मैं मिटी, रेत और खाद डाल कर लगाएं।
ज़मीन की तैयारी :- ज़मीन की पौध लगने से एक महीना पहले तैयार कर लें। और 50 सेंटीमीटर लम्बाई : 50 सेंटीमीटर चौड़ाई :50 सेंटीमीटर नीचे को खड्डे बना लें। इस खड्डे को गोबर खाद और दूसरी खादों से भर दें। जैसे ऊपर बताया गया है। और हर रोज़ थोड़ा थोड़ा पनि गड्ढे मैं डालते रहें जब तक पपीता नहीं लगते और छेह पत्ते नहीं निकल जाते।
दूरी :- पौधे से पौधे की दूरी दो मीटर होनी चाहिए चरों और।
खाद :- न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट।
पहली बार दस दिन बाद उसके बाद महीने में एक बार।
पहले दस दिन :- न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट। दो गढों में एक चमच।
अब महीना दस दिन बाद स्टार्ट करें। न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट। चार खड्डों मैं एक चमच
दुसरे महीने :- न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट। चार खड्डों मैं दो चमच।
पानी की निकासी :- पौधे को पनि की निकासी जरूरी है जड़ मैं पनि खड़ा रहना हानिकारक होता है।
——————————————–
पपीते का एक पौध अपने जीवन काल मैं डेढ़ से दो क्वीन्टल फल देता है। और इसकी लाइफ चार से पांच साल तक होती है। फल सात सो ग्राम से दो किलो तक हो जाता है। पहली तुड़वाई खेत मैं पौध लगने के बाद सात महीने मैं स्टार्ट हो जाती है। आप इसको घर मैं भी लगा सकते हैं।
बिजाई :- आप बीज को नीचे से सुराख़ वाली टरे मैं बीज सकते हैं। जिसमे मिटटी रेत और कम्पोस्ट (1:1:1 मात्रा ) में हो। ये पौध होने में आठ से बारह दिन का समय लेता है। उसके बाद इसको टरे से हटा कर लिफाफों मैं मिटी, रेत और खाद डाल कर लगाएं।
ज़मीन की तैयारी :- ज़मीन की पौध लगने से एक महीना पहले तैयार कर लें। और 50 सेंटीमीटर लम्बाई : 50 सेंटीमीटर चौड़ाई :50 सेंटीमीटर नीचे को खड्डे बना लें। इस खड्डे को गोबर खाद और दूसरी खादों से भर दें। जैसे ऊपर बताया गया है। और हर रोज़ थोड़ा थोड़ा पनि गड्ढे मैं डालते रहें जब तक पपीता नहीं लगते और छेह पत्ते नहीं निकल जाते।
दूरी :- पौधे से पौधे की दूरी दो मीटर होनी चाहिए चरों और।
खाद :- न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट।
पहली बार दस दिन बाद उसके बाद महीने में एक बार।
पहले दस दिन :- न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट। दो गढों में एक चमच।
अब महीना दस दिन बाद स्टार्ट करें। न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट। चार खड्डों मैं एक चमच
दुसरे महीने :- न्यट्रोजन पंद्रह परसेंट , फॉस्फेट पंद्रह परसेंट ,कैल्शियम पंद्रह परसेंट ,सल्फर दस परसेंट। चार खड्डों मैं दो चमच।
पानी की निकासी :- पौधे को पनि की निकासी जरूरी है जड़ मैं पनि खड़ा रहना हानिकारक होता है।
——————————————–
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें