संतरे की फसल
Mangal patidar
Mangal patidar
रिचय
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मध्यप्रदेश में संतरे की बागवानी मुख्यतः छिंदवाड़ा, बैतूल, होशंगाबाद, शाजापुर, उज्जैन, भोपाल, नीमच,रतलाम तथा मंसौर जिले मे की जाती है । प्रदेश में संतरे की बागवानी 43000 हैक्टेयर क्षेत्र में होती है जिसमें से 23000 हैक्टेयर क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले में है । वर्तमान में संतरे की उत्पादकता से बारह टन प्रति हैक्टेयर है जो कि विकसित देशो की तुलना मे अत्यंत कम है । कम उत्पादकता के कारको में बागवानी हेतु गुणवत्तापूर्ण पौधे (कलमे का अभाव तथा रख-रखाव की गलत पत्तियाँ प्रमुख है । मध्यप्रदेश में संतरे की किस्म नागपुर संतरा प्रचलित है।
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1.भूमि का चुनाव-
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संतरे की बागवानी हेतु मिट्टी की उपरी तथा नीचे की सतह की संरचना और गुणो पर ध्यान देने की आवश्यकता है बगीचा लगाने से पहले मिट्टी परिक्षण कर भविष्य में आने वाली समस्याओं का निदान कर बगीचे के उत्पादन व बगीचे की आयु में वृद्धि की जा सकती है ।
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संतरा बागवानी हेतु मिट्टी के आवश्यक गुण -
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2.संतरे के पौधे
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