रविवार, 5 नवंबर 2017

खरीफ फसल- अरहर


 सिफारिशें
खरीफ फसल- अरहर
  1.  उर्वरक को 5 से 7 से.मी. जमीन से नीचे डाले।
  2.  सीड ड्रिल या दुफन की सहायता से उर्वरक डालें।
  3.  20 कि.ग्रा. नत्रजन 60 कि.ग्रा. फास्फोरस को बेसल मात्रा में मिलाएँ।
  4.  उपरोक्त उर्वरक की मात्रा 125 कि.ग्रा. डी.ए.पी. से पूरी हो जाती है।
  5.  अगर भूमि में जस्ते की कमी हो तो जिंक सल्फेट 25 कि.ग्रा. हल्की मिट्टी और 50 कि.ग्रा. भारी मिट्टी में मिलाए।
  6.  उपज बढ़ाने के लिए एवं जड़ों को मजबूत करने के लिए 20 कि.ग्रा/ हे की दर से सल्फर डाले।

  1.  कुल्पा या डोरा चला के कतारों के बीच के खरपतवार नाश करें।
  2.  हाथ से उखाड़कर या खुरपी चलाकर पौधों के बीच के नींदा भी नष्ट करें।
  3.  बोनी के 25 से 30 दिन के बाद पहली निदाई एवं 45-50 दिन के पश्चात दूसरी निदाई करें।
  4.  यदि वर्षा में कमी हो तो मल्च डालकर या मिट्टी चढ़ाकर सतह की नमी को संरक्षित करें।

  1.  इस फसल को सामान्यत: सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  2.  एक सिंचाई उपलब्ध होने पर फूल आने पर सिंचाई करें।
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